सदा हरित क्रांति
हरित क्रांति
की सफलता
के पश्चात
भारत को अब सदाहरित
क्रांति की और बढ़ना
है, ताकि
देश के वार्षिक खाद्यान्न उत्पादन को
210 मिलियन टन के वर्तमान
स्तर से दोगुना करके
420 मिलियन टन तक किया
जा सके।
यह विचार
भारत के प्रमुख कृषि
वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन का है। इसके लिए उन्होंने विज्ञान
की सर्वश्रेष्ठ तकनीकोँ के प्रयोग व जैविक कृषि
मेँ शोध को बढ़ावा
देने पर बल दिया
है। मिट्टी
के स्वास्थ्य का उन्नयन
करने, लैब टू लैंड
प्रदर्शनों को बढ़ावा देने,
रेन वाटर
हार्वेस्टिंग को अनिवार्य बनाने
तथा किसानों
को उचित
मूल्य पर खाद उपलब्ध
कराने की आवश्यकता भी उन्होंने बताई
है।
भारत के कृषि जलवायु
प्रदेश
कृषि जलवायु
प्रदेश - सम्मिलित राज्य
2. पश्चिमी हिमालय
प्रदेश - हिमांचल
प्रदेश, जम्मू
एवं कश्मीर,
उत्तर प्रदेश
3. पूर्वी हिमालय
प्रदेश - अरुणाचल
प्रदेश, असम,
मेघालय, मणिपुर,
मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, नागालैंड
4. गंगा की निचली घाटी
का मैदान
- पश्चिम बंगाल
5. गंगा की मध्यवर्ती घाटी
का मैदान
- उत्तर प्रदेश,
बिहार
6. गंगा की उपरी घाटी
का मैदान
- उत्तर प्रदेश
7. ट्रांस पठारी
और पर्वतीय
क्षेत्र - बिहार,
मध्य प्रदेश,
उड़ीसा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल
8. मध्यवर्ती पठारी
और पर्वतीय
क्षेत्र - आन्ध्र
प्रदेश, कर्नाटक
और तमिलनाडु
9. पश्चिमी पर्वतीय
और पठारी
क्षेत्र - मध्य
प्रदेश और महाराष्ट्र
10. दक्षिणी पठारी
और पर्वतीय
क्षेत्र - आन्ध्र
प्रदेश, कर्नाटक
और तमिलनाडु
11. पूर्वी तटीय
मैदान और घाट क्षेत्र
- गोवा, कर्नाटक,
केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु
12. गुजरात पर्वतीय
और मैदानी
क्षेत्र - गुजरात,
दमन और दीव, दादरा
और नगर हवेली
13. पश्चिमी शुष्क
क्षेत्र - राजस्थान
14. द्वीप क्षेत्र
- अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप