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Medieval History मध्‍यकालीन भारत , उत्‍तर मुगलकाल

उत्‍तरकालीन मुगल  शासक 

बहादुर शाह - 1 (1707 - 1712) 

- 1707 में औरंगज़ेब की मृत्यु के बाद उसके तीनों जीवित पुत्रों में सिंहासन की लड़ाई प्रारंभ हो गई। उसके ये तीन पुत्र थे- मुअज्ज़म जो काबुल प्रान्त का गवर्नर था, आज़म जो गुजरात पर शासन कर रहा था एवं काम बख्श जो बीजापुर का गवर्नर था।

- मुअज्ज़म ने आज़म और काम बख्श को परास्त कर मुगल सिंहासन पर अधिकार कर लिया एवं बहादुरशाह-I का शीर्षक धारण कर लिया।

- इसने शांतिवाद की नीति अपनाई जिसके कारण उसे शाह--बेखबर कहा जाता था।

- इसने शाह आलम-I का शीर्षक भी धारण किया था।

- इसने गुरू गोविंद सिंह एवं राजा छत्रसाल के साथ मैत्रतापूर्ण व्यवहार रखा।

- इसने 1711 में बंदबहादुर को परास्त कर सरहिंद पर पुन: अधिकार कर लिया।

  

फर्रुख सियर (1713 - 1719)



- इसका पूरा नाम अब्दुल मुज़फ्फरूद्दीन मुहम्मद शाह फर्रूख सियर था।

- फर्रूख सियर दो सैय्यद बंधुओं, अब्दुल्ला खान एवं हुसैन खाँ की सहायता से सिंहासन पर बैठा।

- अब्दुल्ला खाँ एवं हुसैन खाँ को राजाओं का निर्माता कहा जाता था।

- बड़ा भाई सयैद अब्दुल्ला खाँ को वज़ीर एवं छोटे भाई को हुसैन खाँ का मीर बख्शी के पद दे दिये गए।

- 1719 में सयैद बंधुओं द्वारा ही फर्रूख सियर की हत्या कर दी गई।


  मुहम्‍मद शाह  (1719 - 1748)


- मुहम्मदशाह ने राज्य के विकास पर कभी ध्यान नही दिया और ही राज्य की गतिविधियों पर। वह एक विलासिता में डूबा रहने वाला शासक था इसलिए उसे रंगीला भी कहा जाता था।

- 1722 में निजाम-उल-मुल्क को वज़ीर नियुक्त किया गया परन्तु वह कुछ समय में ही पद को छोड़ कर दक्षिण में हैदराबाद की तरफ चला गया।

- मुर्शीद कुली खान जो बंगाल का गवर्नर था, ने बंगाल के स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।

- शहादत खाँ बुरहान उल मुल्क जिसे मुहम्मद शाह द्वारा अवध का गवर्नर नियुक्त किया गया था, ने अवध के स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।

- मुहम्मद शाह के शासनकाल में ही 1739 में नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण किया था। उसने मुगल साम्राज्य को नष्ट कर दिया एवं मयूर सिंहासन कोहिनूर हीरे को अपने साथ ले गया।

 अहमद शाह  (1748 - 1754)

- अहमदशाह अब्दाली नादिरशाह का सबसे काबिल सेनापति था। उसने दिल्ली की तरफ कूच किया एवं मुगलों से पंजाब एवं मुल्तान अपने अधिकार में ले लिए।

- 1748 से 1761 के मध्य अहमदशाह अब्दाली ने कई बार आक्रमण किये एवं मथूरा एवं दिल्ली को लूट लिया। अहमदशाह अब्दाली ने पानीपत के तृतीय युद्ध (1761) में मराठाओं को भी बहुत बुरी तरह परास्त किया था।

 शाह आलम -2 (1759 -1806)

- मुहम्मद शाह के बाद यही एक शासक था जिसने कई वर्षों तक शासन किया परन्तु अपने बागी वज़ीर के कारणवश इसने अपनी राजधानी को कई बार स्थानान्तरित किया।

- इसके शासनकाल के समय दिल्ली में नाजि़ब खान रोहिल्ला शासन कर रहा था एवं इसके अत्यधिक शाक्तिशाली होने के कारण शाह आलम II दिल्ली में प्रवेश नही कर सका।

- शाहआलम II, बंगाल का नवाब मीर कासिम एवं अवध के नवाब शुजाउद्दौला की संयुक्त सेना ने अंग्रेजों के विरूध 1764 में बक्सर का युद्ध लड़ा जिसमें इनकी पराजय हुई।

- 1765 की इलाहाबाद संधि के अनुसार शाहआलम II ने अंग्रेजों को बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा के दीवानी अधिकार प्रदान कर दिये।


 अकबर शाह - 2 (1806 - 1837)

- इसके शासनकाल के दौरान, लार्ड हेस्टिंग्स ने मुगलों की संप्रभुता मानने से इन्कार कर दिया एवं दोनों के समान दर्जे का दावा किया।

- इसने ही राम मोहन रॉय को राजा का शीर्षक दिया।


 बहादुर शाह - 2 (1837 - 1857)



- बहादुर शाह II अंतिम मुगल सम्राट था। उसे अंग्रेजों द्वारा लाल किले तक ही सीमित कर दिया गया था।

- इसे बहादुरशाह जफ़र के नाम से जाना जाता था।

- 1857 के विद्रोहियों द्वारा उसे सम्राट घोषित किया गया। 1857 के विद्रोह के बाद उसे रंगून भेज दिया गया जहाँ 1862 में उसकी मृत्यु हो गई। बहादुर शाह द्वितीय की मृत्यु के साथ ही मुगल प्रशासन लगभग समाप्त हो गया।




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