परिचय
- अकबर ने
1571 में आगरा
के किले
का निर्माण
करवाया। अबुल
फज़ल के अनुसार आगरा
के किले
में 500 से अधिक पत्थर
की इमारतें
हैं।
- 1573 में अकबर
ने गुजरात
विजय को स्मरणीय बनाने
के उद्देश्य से बुलन्द
दरवाजा का निर्माण जो फतेहपुर सीकरी
का मुख्य
प्रवेश द्वार
है। यह ईरानी शैली
में अर्द्ध
गुम्बदाकार आकार
में बना हुआ है।
- फतेहपुर सीकरी
में सलीम
चिश्ती का मकबरा (जहाँगीर
द्वारा बनवाई
गई पूर्ण
संगमरमर की पहली मुगलकाल
इमारत), बीरबर
के महल,
अनुप तालाब
एवं मरियम
महल भी बने हुए है।
- अकबर ने आगरा के किले में जहाँगीरी महल का निर्माण
भी करवाया
है जो हिंदु शैली
के मन मंदिर की निर्माण शैली
पर आधरित
है।
- जहाँगीर ने आगरा के निकट सिंकदरा
में अकबर
के मकबरे
का निर्माण
करवाया है।
- नूरजहाँ ने आगरा के निकट अपने
पिता एतमाद-उद-दौला
का सफेद
संगमरमर का मकबरा बनवाया
है। इसमें
संगमरमर के साथ अन्य
बहुमूल्य पत्थरों
का भी उपयोग किया
गया है। निर्माण की इस तकनीक
को पित्र
दौरा कहा गया है
- शाहजहाँ के शासनकाल में वास्तुकला अपने
चरमोत्कर्ष पर पहुँची। शाहजहाँ
ने अजमेर
में जामा
मस्जिद, लाहौर
में अपने
पिता का मकबरा एवं दिल्ली में जामा मस्जिद
का निर्माण
करवाया।
- शाहजहाँ ने कश्मीर में शालीमार गार्डन
निर्माण भी करवाया था।
- शाहजहाँ ने अपनी पत्नी
मुमताज महल की याद में आगरा
में ताजमहल
का निर्माण
करवाया था। दिल्ली के लाल किले
का निर्माण
भी शाहजहाँ
ने ही करवाया था।
- औरंगज़ेब स्मारकों के निर्माण
में अधिक
रूचि नहीं
रखता था तथापि उसने
दिल्ली में मोती मस्जिद
एवं औरंगाबाद में बीबी
के मकबरे
का निर्माण
करवाया।
मुगल चित्रकारी
- हुमायुँ ने प्रसिद्ध पर्शियन
चित्रकारों की सेवाएँ ली। उनमें से कुछ चित्रकार थे- सय्यद
अली, अब्दुस
समद, दोस्त
मुहम्मद एवं मीर मुस्व्वीर।
- मुगलों ने अपनी चित्रकारी में दरबार
के चित्र,
युद्ध के दृश्य, पीछा
करती हुई सेना के दृश्य अंकित
करवाने प्रारंभ
किये।
- जसवंत एवं दसवंत अकबर
के दरबार
के दो प्रसिद्ध चित्रकार थे।
- जहाँगीर के शासनकाल में मुगलचित्रकारी अपने
चरमोत्कर्ष पर पहुँची। जहाँगीर
एक कला प्रेमी शासक
था।
मुगलकाल का प्रशासन
- मुगल साम्राज्य सुबों में विभाजित था। सुबे भी सरकार, परगना
एवं ग्रामों
में उपविभाजित था।
- तथापि, भूमि
कुछ अन्य
क्षेत्रीय ईकाईयों
में विभक्त
थी जैसे
खलिस, जागीर
एवं इनाम।
मुगलकाल का साहित्य
लेखक - कृति
का नाम
- विषय वस्तु
1. अब्दुल हामिद
- बादशाहनामा - शाहजहाँ
का इतिहास
2. बाबर - तुजुक-ए-बाबरी
- आत्मकथा (बाबर)
3. गुलबदन बेगम
- हुमायुँनामा - हुमायुँ
का इतिहास
4. अबुल फज़़ल
- आईने-अकबरी
- अकबर का इतिहास
5. अबुल फज़ल
- अकबरनामा - अकबर
का इतिहास
6. बदायूँनी - मुन्तखाब –उल-त्वारिख
- अकबर का इतिहास
7. जहाँगीर - तुजुक-ए-जहाँगीर
- आत्मकथा (जहाँगीर)
8. मुमताद खान
- इकबालनामा - जहाँगीर
9. मुहम्मद वारिस
- पादशाहनामा - शाहजहाँ
का इतिहास
10. इनायत खाँ
- शाहजहाँनामा - शाहजहाँ
का इतिहास
11. मुहम्द सालेह
- शाहजहाँनामा - शाहजहाँनामा
12. दारा शिकोह
- शफीनत-उल-औलिया - सूफी
संतो की कहानी
13. दारा शिकोह
- सुकुनत-उल-औलिया - उपनिषदों का अनुवाद
14. दारा शिकोह
- मज़मा –उल-बहरीन - उसके
धार्मिक विश्वास
15. दारा शिकोह
- हसनत-उल-अरीफीन - उसके
दार्शनिक विचार
16. औरंगज़ेब - रक्कत-ए-आलमगिरी
- उसके पत्रों
का संग्रह
17. मुहम्मद काजिम
- आलमगीरनामा - औरंगज़ेब का इतिहास
18. भीमसेन - नुस्खा–ए-दिलखुश - औरंगज़ेब का इतिहास
19. ईश्वरदास - फुतुहत-ए-आलमगिरी
- औरंगज़ेब का इतिहास
मुगलकाल के अधिकारी
ईकाईयाँ - अधिकारी
1. प्रान्त (सुबा)
सिपहसालार: मुख्य
अधिकारी (अकबर
के अधीन
एवं बाद में यह निजाम और सुबेदार कहलाया)
दीवान: राजस्व
विभाग का प्रभारी।
बख्शी: सैन्य
विभाग का प्रभारी।
2. जिला/सरकार
फौजदार: प्रशासनिक अधिकारी
अमल/अमलगुजार:राजस्व एकत्रित
करना।
कोतवाल: कानून
एवं व्यवस्था का संचालन।
3. परगना
शिकदार: प्रशासनिक प्रभारी जो ‘’फौजदार एवं कोतवाल’’ दोनो
का कार्य
करता था।
अमीन कानूनगो
: राजस्व अधिकारी
4. ग्राम (गाँव)
मुकद्दम : मुखिया
पटवारी : लेखाकार
चौकीदार : चौकीदार
मुगलकालीन अर्थव्यवस्था
- मनसबदारी व्यवस्था:- अकबर द्वारा
प्रस्तावित की गई थी।
- राजस्व के अतिरिक्त राज्य
युद्ध की विजय से होने वाले
लाभ पर भी आश्रित
रहता था। अत: राजस्व
का अधिकतर
भाग युद्ध
एवं संघर्ष
में खर्च
हो जाता
था।
- राजस्व एकत्रित
करने के कई स्त्रोत
थे यथा काकूत, (प्राक्कलऩ़) जब्त (फस्ल
की पैदावर
पर आधारित)।
- धार्मिक अनुष्ठानों के बदले
भूमि उपहार
में दी जाती थी। जिसे मदाद-ए-माश या इनाम
कहा जाता
था।