महमूद गजनी
- 1001 में
महमूद ने पेशावर के
हिंदुशाही राजा जयपाल को
परास्त किया एवं 1008-09 में
महमूद ने जयपाल के
पुत्र आनंदपाल को वैहिंद के
युद्ध में परास्त किया।
- 1008-25/26 के
दौरान गजनी ने भारत
में अमीर मंदिरों को
लूटने के उद्देशय से
17 बार आक्रमण किया।
- उसने
1025 में गुजरात के सोमनाथ मंदिर
पर आक्रमण की इसकी समृद्धता
को पूरी तरह नष्ट
कर दिया।
- महमूद
के भारत आने के
समय अल-बरूनी भी
इसके साथ था एवं
फिरदौसी इसका राजदरबार कवि
था।
- महमूद
गजनी की 1030 ईस्वी में मृत्यु हो
गई।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- शाहनामा
फिरदौसी की कृति है।
- किताब-उल-हिंद या
तहकीक-ए-हिंद अल-बरूनी द्वारा लिखी गई।
- गीत-गोविंद का लेखक जयदेव
है।
माेेेहम्मद गौरी
- इसका
वास्तविक नाम मुईजुद्दीन-मोहम्मद–बिन-सैम
था। 1173 में यह गजनी
के सिंहासन पर बैठा एवं
1175 के लगभग भारत की
तरफ बढ़ने लगा।
- उसने
गोमल दर्रे के रास्ते से
भारत में प्रवेश किया
एवं मुल्तान एवं उच्छ पर
पर कब्ज़ा कर लिया।
- 1191 में
उसे पृथ्वीराज चौहान के हाथों तराइन
के प्रथम युद्ध में पराजय का
सामना करना पड़ा एवं
1192 में तराइन के द्वितीय युद्ध
में उसने पृथ्वीराज चौहान
को परास्त कर दिया।
- 1194 में
मोहम्मद गौरी ने चंदावर
के युद्ध में कन्नौज के
शासक जयचंद को परास्त करते
हुए उसे मौत के
घाट उतार दिया।
- उसने
कुतुबुद्दीन-ऐबक को भारतीय
अभियान पर अपना सुबेदार
नियुक्त किया।
- मोहम्मद
गौरी के सिक्कों पर
दैवी लक्ष्मी के चित्र अंकित
प्राप्त होते हैं। सिक्कों
पर देवनागरी लिपी में उसका
नाम भी अंकित है।
- मोहम्मद
गौरी का अंतिम भारत
अभियान 1206 में खोखर विद्रोह
था। उसने विद्रोह का
दमन तो कर दिया
परन्तु रास्ते में लौटते वक्त
विद्रोही दल से सम्बंधित
एक मुस्लिम हठधर्मी द्वारा उसकी हत्या कर
दी गई।