बहलोल लोदी ( 1451 - 1489 )
- लोदी
वंश का संस्थापक एक
अफगानी शासक बहलोल लोदी
था।
- उसकी
मुख्य उपलब्धि जौनपुर के साम्राज्य का
राज्य हरण था।
- उसने
सिक्के जारी किये जिन्हे
बहलोली कहा गया।
सिकंदर लौदी (1489 - 1517 )
- 1489 में
बहलोल लोदी का पुत्र
निजाम खान गद्दी पर
बैठा एवं उसने सिकन्दर
शाह लोदी का नाम
धारण कर लिया।
- उसने
1504 में आगरा की स्थापना
की एवं अपनी राजधानी
दिल्ली से आगरा हस्तांतरित
की।
- वह
गुजरात के महमूद बेगडा
एवं मेवाड के राणा सांगा
के समकालीन था।
- इसने
माप की एक ईकाई
का चलन किया था
जिसे गज – ए – सिकंदरी कहा जाता था।
- इसने
नागरकोट के ज्वालामुखी मंदिर
को ध्वस्त किया था। इसने
हिंदुओं से जजिया कर
एवं तीर्थ कर वसूल किया
था।
- इसने
गुलरूखी उपनाम से फारसी भाषा
में छंद लिखे।
- इसने
लहजत – ए सिकंदरी नामक
पुस्तक का संकलन किया
था।
- चिकित्सा
विज्ञान पर लिखा गया
एक संस्कृत निबंध का फारसी भाषा
में अनुवाद फरहांग – ए – सिकंदरी के नाम से
इसी के शासन काल
में हुआ था।
- उसने
दिल्ली में अपने पिता
के मकबरे का निर्माण करवाया।
- 1517 में
बीमारी के कारण इसका
निधन हो गया।
इब्राहिम लोदी (1517 - 1526 )
- इब्राहिम
लोदी, सिकंदर लोदी का ज्येष्ठ
पुत्र था जो अपने
अफगान साथियों की सर्वसहमति से
1517 में सिंहासन पर बैठा था।
- इसने
इब्राहिम शाह का शीर्षक
ग्रहण किया।
- इसे
मेवाड के शासक राणा
सांगा के विरूद्ध पराजय
का सामना करना पड़ा।
- 21 अप्रैल
1526 को काबुल के शासक ने
पानीपत के प्रथम युद्ध
में इब्राहिम लोदी को परास्त
कर उसे मौत के
घाट उतार दिया।